प्रसिद्ध तमिळ कवि और सिनेगीतकार कण्णदासन् की कालजयी रचनाओं में से एक है चलचित्र कर्णन् का यह गीत। वीर, दानी और कुन्ती का पुत्र होने के बावजूद कर्ण अभागा ही रहा । यह गीत न केवल कर्ण को कृष्ण की श्रद्धांजलि है बल्कि कर्ण से कृष्ण की क्षमायाचना भी है। हिन्दी में मैथिलीशरण गुप्त ने […]
Read More..Remember the time when cinema was silent and there used to be few subtitles in it. Now the cinema talks and therefore subtitles have evolved remarkably. Now they serve to maximize the approach of cinema to a global audience. They are not only meant for the people who do not understand a particular language but […]
Read More..तमिळनाड की मुख्यमंत्री जयललिता की जीवनी पर आधारित कंगना रणौत के बहुप्रतीक्षित और बहुभाषी चलचित्र का विज्ञापन जारी हो चुका है और पर्याप्त प्रशंसा भी बटोर रहा है। जयललिता को अभिनेत्री और नेत्री दोनों के रूप में तमिळनाड के लोगों का भरपूर प्यार मिला। कंगना का व्यक्तित्व भी जयललिता से मेल खाता सा लगता है। […]
Read More..लैटिन एक भारोपीय भाषा है जो इटली में जन्मी और रोमन साम्राज्यवाद द्वारा अधिकांश यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के भागों में फैली। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद लातिनी भाषा मृत हो गयी किंतु वास्तव में यह अपने ही सरल संस्करण में परिवर्तित हो गयी जिसे सामान्य लैटिन (vulgar Latin) कहा गया। उसके बाद यह […]
Read More..All eyes are set on Gangubai Kathiawadi’s release in July but the official trailer was released lately. The film portrays the life of a simple girl who was pushed into prostitution but who made her way in mafiadom. . If trailer serves as an appetizer, then subtitles are like salt to it. With so much […]
Read More..कोरोना महामारी के कारणवश थम गए कई सिलसिलों में एक अपनी दर्दभरी कहानी सुनाने का सिलसिला भी है जिसे जापान में परमाणु बम विस्फोट की त्रासदी झेल चुकी साकुए शिमोहिरा कई वर्षों से जारी रखे हुए है। जापान के प्रतिष्ठित समाचार पत्र माइनिचि शिनबुन (Mainichi Shimbun) में हाल ही में प्रकाशित इस रिपोर्ताज का अनुवाद […]
Read More... The Hill We Climb पर्वत जो हम लांघते . When day comes we ask ourselves, where can we find light in this never-ending shade? जब दिन उगता है, हम खुद से पूछते हैं, इस अंतहीन छाया में हमें उजाला कहां मिलेगा? . The loss we carry, a sea we must wade जो नुकसान हमने […]
Read More..Earlier I entertained a different thought…that an author should evade being honorable. As soon as he becomes honorable, he is finished. One day I asked an author, “Dada, why haven’t you been writing for some days?” He said, “Don’t you know I got felicitated last year? Are you in literature or retail business?” . I […]
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