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दस मार्च 2021 को यूट्यूब पर एक ऐसा तमिळ गाना विमुक्त (रिलीज) हुआ जो देखते ही देखते अत्यधिक लोकप्रिय हो गया। प्रचार माध्यमों के घटाटोप में आजकल गीतों का लोकप्रिय होना कोई बड़ी बात नहीं है। इस गीत को शेष गीतों से जो बात पृथक करती है, वह है इसकी विषयवस्तु जो किसी प्रेमी युगल के मिलन अथवा विरह की अभिव्यक्ति नहीं है। वह औपनिवेशिक भारत की कटु स्मृति से उपजी है जिसे एक वृद्ध स्त्री ने अपने पौत्र से साझा किया।
गीत का शीर्षक “एन्जॉय एन्जामी” है। एन्जॉय अंग्रेजी शब्द enjoy ही है जबकि “एन्जामी” एन सामी का ही भ्रष्ट उच्चारण है। एन सामी का अर्थ है मेरे स्वामी। इसे प्राय: मेरे ईश्वर, मेरे हुजूर के अर्थ प्रयोग किया जाता है। यहां दादी पोते के लिए इसका प्रयोग “मेरे प्यारे” के अर्थ में कर रही है। आइए गीत की चर्चा से पहले उसकी पंक्तियों को समझते हैं:
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कुक्कु कुक्कु तात्ता तात्ता कलै वेट्टी
कुक्कु कुक्कु पोन्दुल यार मीन कोत्ती
कुक्कु कुक्कु तन्नियिल ओडुं तवलैक्कि
कुक्कु कुक्कु कम्बली पूची तंगच्चि
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कुक्कु कुक्कु दादा खेतों में से खरपतवार निकाल रहे हैं
कुक्कु कुक्कु पेड़ की खोह में कौन है, रामचिरैया है
कुक्कु कुक्कु पानी में तैरती मेंढकी
कुक्कु कुक्कु कमला कीट की बहन है
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अल्लिमलर कोडि अंगदमे
ओट्टार ओट्टार सन्दनमे
मुल्लै मालर कोडि मुत्तारमे
एंग ऊर एंग ऊर कुत्ताळमे
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कुमुदिनी मुझ पर हंस रही है
मेरा प्यारा चंदन हठीला है
मेरे चमेली जटित हार में मोती हैं
मेरा गांव कुट्रालम् है।
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सुरुक्क पैय्यम्मा वेत्ताल मट्टैयम्मा
सोमन्द कैय्यम्मा मत्तालम कोट्टयम्मा
तायम्मा तायम्मा एन्न पन्ना मायम्मा
वलीयम्मा पेरान्डि संगतिय कूरान्डि
कन्नाड़िय काणान्डी
इन्दार्रा पेरान्डि
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मेरी दादी की सिकुड़ी हुई थैली में पान और सुपारी है
जो हाथ उसे ले कर चलते हैं वे परइ वाद्य बजाते हैं
दादी मां, दादी मां तुमने क्या जादू कर दिया
वलीयम्मा का पोता समाचार सुनाता है
मेरी ऐनक कहां हैं, यह ले मेरे पोते
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अन्नक्किली अन्नक्किली
अडि आलमरक्केला वन्नाक्किली
नल्लाबड़ी वाड़च्चोल्ली
इन्द मन्न कोडुत्ताने पूर्वकुडि
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बरगद के पेड़ पर बैठा हुआ तोता
अच्छे से जीवन जीने के लिए
हमारे पूर्वजों ने यह धरती हमें सौंपी है।
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कम्मंगरा काणियेल्लाम
पाडि तिरिन्जाने आडिक्कुडि
नायि नरि पूनैकुन् दान
इन्द एरिक्कोलम कूड सोन्दमडि
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नदी किनारों के पार और उपजाऊ खेतों में
हमारे पूर्वजों ने जीवन भर गाया
कि झीलें और तालाब
कुत्ते, सियार और बिल्लियों के भी है
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एन्जॉय एन्जामी
वांगो वांगो ओन्नागी
अम्माये अम्बारी
इन्दा इन्दा मुम्मारी
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आनंद लो मेरे प्यारे, सब एक होकर आओ
हाथियों पर चढ़ो और वर्षा में नहाओ
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कुक्कु कुक्कु मुट्टै पोड़ुम कोड़िक्क
कुक्कु कुक्कु ओप्पन यार मयिलिक्क
कुक्कु कुक्कु पच्चै पूसूं पासिक्क
कुक्कु कुक्कु कुच्चिय अडिक्कुन कूटूक्क
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मुर्गी अण्डे दे रही है
मोर का शृंगार किसने किया
काइ अपनी हरियाली फैला रही है
छोटी छोटी टहनियों से घोंसला बनाया गया है
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पाड पाट्ट मक्का वरप्प मेट्टक्कारा
वरवत्तन्नी सोक्का
मिनुक्कुम नाट्टक्कारा
आकाट्टी करुप्पाट्टी
उदांगोल मन्नचट्टी
आदोरम कूड़ुकट्टी
आरम्बिच्चा नागरीगों
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अपनी उर्वर भूमि पर कठोर परिश्रम करता खेतीहर
उसके स्वेद से सिक्त कमीज और चमकते हुए देहाती जन
आग दहकाने वाली बांसुरी और मिट्टी की परात
नदी किनारे सभ्यता का आरंभ हो रहा है
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झन झना झनक्क झन मक्कले
उप्पुक्क चप्पु कोट्ट
मुट्टैक्कुल्ला सत्तकोट्ट
अत्तैक्क रत्तन्कोट्ट
किट्टीपुल्ल वेट्ट वेट्ट
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जन जन जनक जन ओह मेरे लोग
सारी ऊर्जा के स्रोत
नमकीन अंडपीत (जर्दी) का स्वाद लेते हुए
जोंक के काटने से बहता रक्त
गिल्ली डंडा, छोड़ो, छोड़ो
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नान अंज मरम वलर्तेन
अड़गान तोट्टों वच्चेन
तोट्टों सेड़िचालों
एन तोंडा ननइले
एन कडले करये
वनमे सनमे
नेलमे कोलमे
येड़मे तड़मे
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मैंने पांच वृक्ष लगाए और एक उद्यान लगाया
मेरा बगीचा विकसित हो रहा है किंतु मेरा गला सूख रहा है
मेरे समुद्र किनारे, वन और लोग
भूमि, समुदाय, स्थान और मार्ग
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एन्जॉय एन्जामी
वांगो वांगो ओन्नागी
अम्माये अम्बारी
इन्दा इन्दा मुम्मारी
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पाट्टन पूट्टन कात्ता बूमि
आटम पोट्ट काट्टुम सामी
राटीनान्द सुत्ति वन्दा
सेवक्कु वच्च
अद पोट्ट वेच्चा एच्चमदाने
काडा मारिच्च
नम्मा नाडा मारिच्च
इन्द वीडा मारिच्च
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मेरे पुरखों ने इस धरती की देखरेख की
वह भक्त जो नाचता है
जब धरती घूमती है तो मुर्गा बांग देता है
उसकी विष्ठा से वन उपजाऊ हो गए
हमारा देश बदल गया, हमारा घर बदल गया
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एन्न कोरे एन्न कोरे
एन सीनी करम्बक्क एन्ना कोरे
एन्न कोरे एन्न कोरे
एन्न चेल्ल पेरांडिक्क एन्न कोरे
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क्या बात हो गयी, क्या बात हो गयी
मेरी ईख को क्या हो गया
क्या बात है क्या बात है
मेरे प्यारे पोते को क्या हुआ
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पन्दलिले पावक्का पन्दलिले पावक्का
वेदकल्ल विट्टर्क वेदकल्ल विट्टर्क
अप्पन अत्ता विट्टदंग, अप्पन अत्ता विट्टदंग
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मेरे मण्डप में करेला, मेरे मण्डप में करेला
उससे हमें बीज मिल गए हमें बीज मिल गए
जो हमारे मां बाप छोड़ गए थे
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एन्जॉय एन्जामी
वांगो वांगो ओन्नागी
अम्माये अम्बारी
इन्दा इन्दा मुम्मारी
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इस गीत की प्रेरणा गीतकार अरिव के पूर्वजों के इतिहास से ली गयी है जिन्हें जाफना श्रीलंकाई या सीलोन तमिळ कहा जाता है। उनके पूर्वज पीढ़ीयों से श्रीलंका में चाय, कॉफी और रबर की खेती करने वाले भूमिहीन श्रमिक थे जिन्हें 1960 में सिरिमा शास्त्री संधि के अंतर्गत बलपूर्वक भारत भेज दिया गया था। सिर्फ बागानों में काम करने का अनुभव होने से उन्हें ऊटी, वलपरइ और कोडाइकैनाल जैसे स्थानों पर बसाया गया किंतु वहां भी उनकी कठिनाइयां कम नहीं हुई क्योंकि वहां पहले से श्रमिक काम पर लगे थे।
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वलीयम्मा के अतिरिक्त मुकिल परन्दमन को भी इस गीत का श्रेय दिया गया है जिन्होंने अपने पूरे जीवन में लोकगीतों का संकलन किया और उन्हें पुस्तक रूप में प्रकाशित किया। उनकी रचनाओं में से ही अरिव ने इस गीत का ओप्परी अंश तैयार किया है जिसमें वह अपने पूर्वजों का दुख बताते हैं, “मैंने पांच पेड़ लगाए, एक सुंदर उद्यान बनाया। मेरा उद्यान फल फूल रहा है किंतु फिर भी मेरा कंठ सूखा ही रह गया।” ओप्परी अंतिम संस्कार के समय गाये जाने वाले पारम्परिक गीत हैं। इस गीत में परइ वाद्य का भी प्रयोग हुआ है। इसे प्राय: दलित समुदाय से जोड़कर देखा जाता है और शवयात्रा के समय बजाया जाता है।
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यह गीत प्रकृति के महत्व और पुनरुज्जीवन के बारे में भी है। यह मनुष्य के सहअस्तित्व में रहने वाले वाले पशु,पक्षी,कीट व पेड़-पौधों की बात भी करता है। इस गीत में कुरुन्दोगइ में वर्णित भूदृश्य कुरिन्जि (पर्वत), मुल्लै (वन), मरुदम (कृषिभूमि), नेयदल (समुद्रतट), और पलै (मरुधरा) के बिम्ब भी उकेरे गए प्रतीत होते हैं।
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इस गीत को गाया है दी (दीक्षिता वेंकटेशन) ने और संगीतबद्ध किया है संतोष नारायणन ने। संतोष नारायणन ने इस गीत का श्रेय मणिकण्डन को भी दिया है जिनके चलचित्र “कडैसी विवसायी” (अंतिम कृषक) ने भी उन्हें इस गीत को रचने के लिए प्रेरित किया।
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तमिळ भाषा सीखने वालो के लिए भी इस गीत में सीखने लायक दैनन्दिन उपयोग के कई शब्द हैं जैसे वीड़ घर, ऊर गांव, तोट्ट उद्यान, आलमरम बरगद का पेड़, काड वन, मरम् पेड़, अन्नकिली तोता, मयिल मोर, मीनकोत्ती किंगफिशर, नायि कुत्ता, पूनै बिल्ली, कोड़ी मुर्गी, मुट्टै अंडा, पूची कीड़ा, उप्प नमक, पावक्काय करेला, तोण्डै गला, अड़गान सुंदर, चेल्ल प्रिय, वलीयम्मा दादी, पेरांडि पोता, तंगच्चि छोटी बहन, नाट्टकार देश/ गांव के लोग, कन्नाड़ी ऐनक, संगत्ति विषय/किस्सा/समाचार, किट्टीपुल्ल गिल्ली डंडा, नल्लाबड़ी अच्छे से, इत्यादि।
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